Pragya ke Deep – Acharya Tulsi

प्रज्ञा के दीप जलेंगे, मन के संकल्प फलेंगेक्या क्या पाना है पहले आंक लो ओ संतों!क्या क्या पाना…

धम्मो मंगल-मुक्किट्ठं

धम्मो मंगल-मुक्किट्ठं, अहिंसा संजमो तवो।देवा वि तं नमंसंति, जस्स धम्मे सया मणो।।१।।धर्म उत्कृष्ट मंगल है। अहिंसा, संयम और…

भक्तामर स्त्रोत

भक्तामर प्रणत मौलिमणि प्रभाणा। मुद्योतकं दलित पाप तमोवितानम्॥सम्यक् प्रणम्य जिन पादयुगं युगादा। वालंबनं भवजले पततां जनानाम्॥१॥ झुके हुए…

Sanyammay Jeevan Ho (संयममय जीवन हो)

संयममय जीवन हो।नैतिकता की सुर-सरिता में, जन-जन मन पावन हो।। अपने से अपना अनुशासन, अणुव्रत की परिभाषा,वर्ण, जाति…